दोस्तों शेर-ओ-शायरी सिर्फ दिल बहला लेने का ज़रिया नहीं है जब कभी ज़िंदगी इम्तेहान लेती है, जब कभी हम उस दौर में पहुंच जाते है जहाँ हमारी हिम्मते टूटने लगती है या जहाँ हमारे हौसले बुझने लगते है तब यही शेर-ओ-शायरी हमारे हौसलों में नयी जान फुक देती है | इसीलिए आज मैं इस पोस्ट में कुछ मशहूर शायरो के ऐसे कुछ बेहतरीन मोटिवेशनल शेर पेश कर रहा हुं -
- मोटिवेशनल शेर -
कश्तियाँ सबकी किनारे पे पहुँच जाती है
नाख़ुदा जिनका नहीं होता ख़ुदा होता है
- आमिर मीनाई -
ना हमसफ़र ना किसी हमनशीं से निकलेगा
हमारे पाँव का कांटा हमीं से निकलेगा
- राहत इन्दोरी -
दरिया हो या पहाड़ हो टकराना चाहिए
जब तक ना सांस टूटे जिए जाना चाहिए
- निदा फ़ाज़ली -
मेरे ज़ुनूँ का नतीज़ा जरूर निकलेगा
इसी सियाह समंदर से नूर निकलेगा
- आमिर आगा किजाल्बाश -
हज़ार बर्क़ गिरे लाख आंधियाँ उठे
वो फूल खिलके रहेंगे जो खिलने वाले है
- साहिर लुधयानवी -
जो तूफ़ानो में पलते जा रहे है
वहीं दुनिया बदलते जा है
- जिगर मुरादाबादी -
दिल नाउम्मीद तो नहीं नाक़ामयाब ही तो हैं
लंबी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है
- फैज़ अहमद फैज़ -
प्यासों रहो न दश्त में बारिश के मुन्तज़िर
मारो ज़मीं पे पॉंव के पानी निकल पड़े
- इक़बाल साजिद
फ़ासला नज़रो का धोखा भी तो हो सकता है
चाँद चमके तो ज़रा हाथ बढ़ा कर के देखो
- निदा फ़ाज़ली
दयार-ए-इश्क़ में अपना मक़ाम पैदा कर
नया ज़माना नए सुब्ह ओ शाम पैदा कर
- अल्लामा इक़बाल -
बारे दुनिया में रहो ग़म-ज़दा या शाद रहो
ऐसा कुछ कर के चलो याँ कि बहुत याद रहो
- मीर तकी मीर -
रात को जीत तो पाता नहीं लेकिन ये चराग़
कम से कम रात का नुकसान बहुत करता है
- इरफ़ान सिद्दीकी -
हज़ार ग़म मेरी फ़ितरत बदल नहीं सकते
मैं क्या करुँ मुझे आदत है मुस्कुराने की
- गुमनाम -
अब हवायें ही करेंगी रौशनी का फ़ैसला
जिस दिए में जान होगी वो दिया बच जायेगा
- महशर बदायुनी -
उसूलों पर जहा आँच आये टकराना ज़रुरी है
जो ज़िंदा हो तो फिर ज़िंदा नज़र आना ज़रूरी है
- वसीम बरेलवी -
दर्द कहाँ तक पाला जाए
युद्ध कहाँ तक टाला जाए
तू भी है राणा का वंशज
फेंक जहाँ तक भाला जाए
-वाहिद अली वाहिद -
जिसने भी इस ख़बर को सुना सर पकड़ लिया
कल एक दियें ने आँधी का कॉलर पकड़ लिया
- मुन्नवर राणा -
वतन की रेत मुझे एड़ियाँ रगड़ने दे
मुझे यक़ीन है पानी यहीं निकलेगा
- वाहिद खान -
नाख़ुदा जिनका नहीं होता ख़ुदा होता है
- आमिर मीनाई -
ना हमसफ़र ना किसी हमनशीं से निकलेगा
हमारे पाँव का कांटा हमीं से निकलेगा
- राहत इन्दोरी -
दरिया हो या पहाड़ हो टकराना चाहिए
जब तक ना सांस टूटे जिए जाना चाहिए
- निदा फ़ाज़ली -
मेरे ज़ुनूँ का नतीज़ा जरूर निकलेगा
इसी सियाह समंदर से नूर निकलेगा
- आमिर आगा किजाल्बाश -
हज़ार बर्क़ गिरे लाख आंधियाँ उठे
वो फूल खिलके रहेंगे जो खिलने वाले है
- साहिर लुधयानवी -
जो तूफ़ानो में पलते जा रहे है
वहीं दुनिया बदलते जा है
- जिगर मुरादाबादी -
दिल नाउम्मीद तो नहीं नाक़ामयाब ही तो हैं
लंबी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है
- फैज़ अहमद फैज़ -
प्यासों रहो न दश्त में बारिश के मुन्तज़िर
मारो ज़मीं पे पॉंव के पानी निकल पड़े
चाँद चमके तो ज़रा हाथ बढ़ा कर के देखो
- निदा फ़ाज़ली
दयार-ए-इश्क़ में अपना मक़ाम पैदा कर
नया ज़माना नए सुब्ह ओ शाम पैदा कर
बारे दुनिया में रहो ग़म-ज़दा या शाद रहो
ऐसा कुछ कर के चलो याँ कि बहुत याद रहो
- मीर तकी मीर -
रात को जीत तो पाता नहीं लेकिन ये चराग़
कम से कम रात का नुकसान बहुत करता है
हज़ार ग़म मेरी फ़ितरत बदल नहीं सकते
मैं क्या करुँ मुझे आदत है मुस्कुराने की
- गुमनाम -
अब हवायें ही करेंगी रौशनी का फ़ैसला
जिस दिए में जान होगी वो दिया बच जायेगा
- महशर बदायुनी -
उसूलों पर जहा आँच आये टकराना ज़रुरी है
जो ज़िंदा हो तो फिर ज़िंदा नज़र आना ज़रूरी है
दर्द कहाँ तक पाला जाए
युद्ध कहाँ तक टाला जाए
तू भी है राणा का वंशज
फेंक जहाँ तक भाला जाए
जिसने भी इस ख़बर को सुना सर पकड़ लिया
कल एक दियें ने आँधी का कॉलर पकड़ लिया
- मुन्नवर राणा -
वतन की रेत मुझे एड़ियाँ रगड़ने दे
मुझे यक़ीन है पानी यहीं निकलेगा
- वाहिद खान -
---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
#amirminai #rahatindori #nidafazli #amiraagafizalbash #sahirludhiyanvi #jigarmuradabadi #faizahmedfaiz #ikbalsajid #allamaikbal #majruhsultanpuri #mirtakimir #irfansiddhiki #gumnam #mehshar badayuni #wasimbarelvi #wahidaliwahid #munnawarrana #wahidkhan
----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
No comments:
Post a Comment