Wednesday 27 May 2020

Neelesh Mishra (Kavita)


नीलेश मिश्रा एक प्रसिद्ध कहानीकार,गीतकार और पत्रकार हैं | इन्होने बहुत सी कहानियां कई सारे रेडियो चैनल में सुना चुके हैं अब ये यूट्यूब पर भी अपने चैनल पर कहानियां सुनाते हैं | इनकी एक मंडली हैं आज के दौर में ये सबसे फेमस स्टोरीटेलर हैं | इनकी कहानियों के बहुत से लोग प्रसंशक हैं जिनमें से एक बड़ा प्रसंशक मैं भी हूँ |  इन्होने कुछ कवितायें भी लिखी हैं जो की बहुत लोगो तक नहीं पहुंची तो इसीलिए आज इस पोस्ट में मैं इनकी कुछ कविताये पेश कर रहा हुँ -






- किसी ने कर दिया हैं छलनी हैं मुझको -


किसी ने कर दिया हैं छलनी हैं मुझको 
कही पे जा के वो बैठा हुआ हैं 
न रो इतना, के तेरे आंशुओं पे 
मेरा कातिल कही पे हंस रहा है
बचा के रख तू ये तकलीफ़ अपनी 
धधकने दे इसे, शोले खिलेंगे 
बस इतना कह दे जा के रहनुमा से 
बग़ावत होगी एक दिन, तब मिलेंगे 




 - आज मैं उसके मोहल्ले में जा के देख आया -


आज मैं उसके मोहल्ले में जा के देख आया 
वहां वो दिल नशीन जाने कब से रहती नहीं 
वो रहा करती थी बेफिक्र सी शेरों में मेरे 
पर मेरी शायरी भी उसकी बात कहती नहीं 
या वो झूठी थी 
या की लफ्ज़ मेरे झूठे थे 
उसके चट्टान से दिल से 
हज़ार बार गिरे 
मेरे नाज़ुक से लफ्ज़
टुकड़ा टुकड़ा टूटे थे 
कोई तो होगी बात ऐसे मन धधकता हैं 
वरना लावा की नदी इस तरह तो बहती नहीं
 

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