Friday 22 May 2020

Dushyant Kumar -

दुष्यंत कुमार 

 

दुष्यंत कुमार त्यागी एक हिंदी कवी, कथाकार और ग़ज़लकार थे | इनका जन्म 27 सितम्बर 1931 को बिजनौर (उत्तरप्रदेश) में हुआ था | निदा फ़ाज़ली इनके बारे में कहते है की दुष्यंत की नज़र उनके युग की नई पीढ़ी के गुस्से और नाराज़गी से सजी हैं | यह गुस्सा और नाराज़गी उस अन्याय और राजनीती के कुकर्मो के खिलाफ नए तेवरों की आवाज़ थी, जो समाज के मधयमवर्गी झूठेपन की जगह पिछड़े वर्ग की मेहनत और दया की नुमाईंदगी करती हैं | कहाँ तो तय था', 'कैसे मंजर', 'खंडहर बचे हुए हैं', 'जो शहतीर है', 'ज़िंदगानी का कोई','मकसदहो गई है पीर पर्वत-सी', अब तो पथ यही है इनकी प्रमुख रचनाएँ हैं| 30 दिसम्बर 1975 को दुष्यंत कुमार ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया |

No comments:

Post a Comment